मार के भागा

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यथार्थ और हास्य का तीखा संगम। मार के भागा एक संक्षिप्त लेकिन गहरी मार्मिकता और व्यंग्य से भरी हिंदी लघुकथा है, जो आम जीवन की असामान्य स्थितियों और मानवीय व्यवहार को आइने की तरह पेश करती है। कथा समाज में मौजूद अंधविश्वास, डर और मानसिक भ्रमों पर करारा प्रहार करती है। लेखक ने अत्यंत सरल भाषा में एक ऐसी घटना को प्रस्तुत किया है जो न केवल मनोरंजन करती है बल्कि सोचने पर मजबूर भी करती है। अगर आप समकालीन हिंदी साहित्य, कथा व्यंग्य या सामाजिक विषयों में रुचि रखते हैं, तो यह किताब आपके लिए है।

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