राजस्थान प्रशस्ति

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लेखक भीलवाड़ा, राजस्थान के मूल निवासी हैं और उनकी शिक्षा एम.कॉम. और एल.एल.बी. तक है। उन्होंने एल.एल.बी. की डिग्री महार्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर से प्राप्त की और 2022 में आचार्य चाणक्य विधि महाविद्यालय, भीलवाड़ा में तृतीय वर्ष की मेरिट सूची में तीसरा स्थान हासिल किया। लेखक ने राजस्थान के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में गहन अध्ययन किया है। इस अध्ययन की प्रेरणा उन्हें 2018 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा की तैयारी के दौरान मिली। लेखक की पहली पुस्तक ‘राजस्थान के राजवंश’ ने पाठकों के बीच महत्वपूर्ण स्थान पाया है, जिसमें राजस्थान की शाही वंशावली को सरल और बोधगम्य भाषा में प्रस्तुत किया गया है। अब लेखक अपनी दूसरी पुस्तक ‘राजस्थान प्रशस्ति’ के माध्यम से राजस्थान की गौरवमयी कला और संस्कृति को विस्तार से उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी यह नई कृति भी पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ सामग्री सिद्ध होगी, जिसे वे आसानी से समझ सकेंगे और राजस्थान की गौरवशाली कला और संस्कृति के प्रति अपने ज्ञान का विस्तार कर सकेंगे।

199.00