मर्द का दर्द
“मर्द का दर्द” एक अनूठी कृति है जो पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और समाज में उनकी अपेक्षाओं की गहराइयों में झांकती है। लेखक संजीव कुमार ने इस पुस्तक में पुरुषों के जीवन के उन पहलुओं को उजागर किया है जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं। यह पुस्तक न केवल पुरुषों के दर्द को पहचानती है, बल्कि उनके संघर्ष, भावनाओं और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करती है। संजीव कुमार ने स्पष्टता और संवेदनशीलता के साथ ऐसे विषयों पर चर्चा की है, जिन्हें समाज में खुलकर नहीं कहा जाता। इस पुस्तक में पाठक को एक यात्रा पर ले जाया जाता है, जहां वे समझेंगे कि कैसे सामाजिक दबाव, अपेक्षाएं और व्यक्तिगत अनुभव पुरुषों के जीवन को आकार देते हैं। “मर्द का दर्द” उन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण पाठ है जो मानव संबंधों, मानसिक स्वास्थ्य और समाज में पुरुषों की भूमिका के बारे में गहराई से सोचने के लिए तैयार हैं। इस पुस्तक के माध्यम से, लेखक पाठकों को यह संदेश देना चाहते हैं कि हर पुरुष के भीतर एक कहानी है, और उसे सुनने की आवश्यकता है। यह एक ऐसी यात्रा है जो पुरुषों को आत्म-स्वीकृति और भावनात्मक स्वतंत्रता की ओर ले जाती है।
₹199.00

