इकलौती पत्नी

“इकलौती पत्नी” विजय ‘तन्हा’ द्वारा लिखित हास्य-व्यंग्य कविता संग्रह है, जो विवाह और दांपत्य जीवन के विभिन्न पहलुओं को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से प्रस्तुत करता है। पुस्तक का कवर चित्र एक मजेदार और हल्के-फुल्के दृश्य को दर्शाता है, जिसमें एक पति-पत्नी के बीच का मनोरंजक पीछा दिखाया गया है, जो किसी मेले के पृष्ठभूमि में हो रहा है। यह चित्र पुस्तक की हास्यपूर्ण शैली को पूरी तरह से अभिव्यक्त करता है। इस संग्रह की कविताओं में जीवन के सामान्य और परिचित अनुभवों को हास्य के माध्यम से पेश किया गया है, जिसमें पति-पत्नी के रिश्तों की मिठास और उलझनों को मनोरंजक ढंग से उजागर किया गया है। विजय ‘तन्हा’ की रचनाओं में हास्य और व्यंग्य का बेहतरीन मिश्रण है, जो पाठकों को गुदगुदाते हुए गहरे सामाजिक संदेश भी देता है। “इकलौती पत्नी” एक ऐसा कविता संग्रह है, जो पाठकों को हंसाने के साथ-साथ जीवन की छोटी-छोटी बातों पर सोचने के लिए भी प्रेरित करता है।

199.00