हर किसी की ज़िंदगी में कुछ लम्हे ऐसे होते हैं जो शब्दों में ढलते ही अनमोल बन जाते हैं। इन्हीं लम्हों को खूबसूरती से पिरोती है लेखक अजय कुमार त्यागी की नई पुस्तक “बात पते की 2”। यह किताब जीवन के अनुभवों, रिश्तों, भावनाओं और समाज की सच्चाइयों को सामने लाने वाली कहानियों और कविताओं का संग्रह है, जो हर पाठक को कहीं न कहीं छू जाता है।
कहानियों और कविताओं का दिल से निकला संग्रह
“बात पते की 2” सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक ऐसी यात्रा है जो आपको आत्ममंथन के लिए मजबूर करती है। इसमें शामिल कविताएँ और कहानियाँ प्रेम, हानि, आशा, संघर्ष, रिश्तों की पेचिदगियों और सामाजिक बदलाव जैसे विषयों को बेहद सरल लेकिन गहराई से प्रस्तुत करती हैं।
हर पंक्ति में लेखक का जीवन झलकता है, जो किताब को और अधिक प्रभावशाली बना देता है। पाठक को ऐसा महसूस होता है जैसे वह अपने ही जीवन के पन्नों को पढ़ रहा हो। यही बात इसे खास बनाती है इसका भावनात्मक जुड़ाव।
लेखक का जीवन, अनुभव और दृष्टिकोण
अजय कुमार त्यागी, जो उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले के दोयमी गाँव से हैं, ने भारतीय वायु सेना में 20 वर्षों तक सेवा दी है। देश की सेवा के बाद उन्होंने महाराष्ट्र में एक प्राइवेट कंपनी में जनरल मैनेजर के रूप में कार्य किया। इस अनुशासित जीवन और व्यापक अनुभव ने उनके लेखन को एक नई दिशा दी है।
उनकी लेखनी में गाँव की मिट्टी की सोंधी खुशबू भी है और ज़िंदगी की जटिलताओं का अनुभव भी। किताब में उनके जीवन का अक्स बख़ूबी दिखता है एक ऐसा जीवन जो कर्तव्य, संघर्ष, संवेदनशीलता और विचारों से भरा हुआ है।
भारतीयता और मानवीय भावनाओं का सुंदर संगम
इस किताब की एक और खास बात है इसका गहरा भारतीय सांस्कृतिक जुड़ाव। चाहे वो पारिवारिक रिश्तों की बात हो या सामाजिक मुद्दों की हर विषय को लेखक ने सहजता से छुआ है। उनकी भाषा आम आदमी की भाषा है, जिससे यह किताब हर वर्ग के पाठकों को अपनी ओर खींचती है।
किसके लिए है यह किताब
- वे पाठक जो जीवन के यथार्थ को साहित्य के माध्यम से समझना चाहते हैं
- वे लोग जो कविताओं और कहानियों के ज़रिए भावनात्मक जुड़ाव खोजते हैं
- युवा पाठक जो भारतीय मूल्यों से जुड़ना चाहते हैं
- साहित्य प्रेमी जो गहराई और सरलता का संतुलन ढूंढते हैं
कहाँ से खरीदें
“बात पते की 2” अब प्रमुख ऑनलाइन बुकस्टोर्स पर उपलब्ध है। इसे अपने संग्रह में ज़रूर शामिल करें और एक ऐसी यात्रा पर निकलें जो दिल को छू ले और सोचने पर मजबूर कर दे।
- Amazon India — https://www.amazon.in/dp/8197219788
Published By
Pen and Paper Academy
A71/7, Commercial Market, A Block, Govindpuram, Ghaziabad — 201013
+91 9625407904
pnpacademy.in
For publishing inquiries, collaborations, or author interactions, feel free to reach out.


