दिली सोच और ज़मीनी समझ के संगम से निकले हैं दिनेश कुमार बागले। महाराष्ट्र के धुले ज़िले के एक ग्रामीण परिवेश से आने वाले दिनेश जी ने अपनी शुरुआती ज़िंदगी समाज की असल जमीनी ज़रूरतों को देखते हुए बिताई। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की, लेकिन तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ उनका रुझान हमेशा से ही तर्कशक्ति, दर्शन और जननीति की ओर बना रहा।

राजनीति को केवल सत्ता की कुर्सी नहीं, समाज निर्माण का माध्यम मानने वाले दिनेश जी नीतियों को गहराई से समझने, प्रश्न उठाने और नई सोच विकसित करने में विश्वास रखते हैं। अहिल्याबाई होलकर के जीवन और दर्शन ने उन्हें भीतर से प्रेरित किया, और इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने उस नेतृत्व मॉडल को सामने लाने का प्रयास किया है, जो आज की राजनीति में आत्मा भर सकता है।

वर्तमान में नोएडा (उत्तर प्रदेश) में निवास करने वाले दिनेश कुमार बागले समाज, सेवा और विचारशील नेतृत्व के रास्ते पर एक विद्यार्थी की तरह लगातार आगे बढ़ रहे हैं सच्चे अर्थों में एक ऐसे नागरिक जो राजनीति को बदलने से पहले उसे समझना चाहते हैं।